Bihar jeevika C.M. कम्युनिटी मोब्लाइज़र
बिहार जीविका CM सी.एम अर्थात सामुदायिक संगठन( जीविका मित्र) कौन बन सकती है, बिहार जीविका CM ,C.M. कम्युनिटी मोब्लाइज़र,बिहार जीविका CM BRLPS 2020,बिहार जीविका CM
दोस्तों इस पोस्ट में आज हम जीविका में कम्युनिटी मोबिलाइजर (CM) अर्थात सामुदायिक संगठन के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे सामुदायिक संगठन के चयन में AC,CC की क्या भूमिका है? क्या जीविका में सी.एम एक पुरुष बन सकता है या नहीं ?
💥 सी.एम अर्थात सामुदायिक संगठन( जीविका मित्र) कौन बन सकती है ?
👉👉 सी.एम विशेष रूप से समुदाय की ही ऐसी महिला हो जो उसी गांव टोला में रहती है। जिसका काम जीविका परियोजना के अंतर्गत प्रोत्साहित स्वयं सहायता समूह (SHG) का मार्गदर्शन तथा बही-खाता का सही रख-रखाव करना होगा।
C.M की पहचान स्वयं सहायता समूह की सदस्यों द्वारा कम्युनिटी कोऑर्डिनेटरको(C.C)
की सहायता से की जानी चाहिए। सी.एम ग्राम संगठन (VO) के कार्यकर्ता होगी ।
*दोस्तों आप लोग समझ गए होंगे कि जीविका में सामुदायिक संगठक CM की पहचान में कम्युनिटी कोऑर्डिनेटर की अहम भूमिका होती है ।
💥💥 CM( सामुदायिक संगठन की चारित्रिक विशेषताएं/ योग्यताएं निम्नलिखित है।
💥 उसमें स्वयं सहायता समूह ग्राम संगठन की कार्यवाही पुस्तिका लिखने की क्षमता होनी चाहिए। उसे हिसाब किताब अर्थात बुनियादी गणित का ज्ञान होना आवश्यक है।
💥 C.M. उसी गांव की किसी महिला को प्राथमिकता देनी चाहिए जो कम से कम सातवी पास हो।
Note:-महिला नहीं मिलने की स्थिति में पुरुष भी सी.एम हो सकता है।
💥 सी .एम पोस्ट के लिए जिसका चुनाव करना है उसमें गरीबों के प्रति सहानुभूति और गरीब महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना होनी चाहिए।
💥 उसे धैर्यवान एवं सहनशील होना अति आवश्यक है।
💥 उसी समय का पालन करना चाहिए।
💥C.M.( कम्युनिटी मोबिलाइजर) की भूमिका एवं उत्तरदायित्व निम्नलिखित है:-
💥 प्रत्येक सी.एम को गांव की एक ग्राम संगठन (VO )के सदस्य समूह की देखरेख करनी होगी ।
💥 सी .एम को स्वयं सहायता समूह की बैठक में तय समय से 10 मिनट पहले पहुंचना चाहिए।
💥 सी.एम समूह के सदस्यों के बीच अच्छे संबंधों/ व्यवहारों को लागू कराने में एक पुल का काम करेगी ।
💥 सी.एम प्रत्येक बैठक में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेगी ।
💥 बैठक शुरू करने से पहले पिछले बैठक की कार्यवाही बचत, ऋण, लेन-देन और बैठक में लिए गए निर्णयों को पढ़कर अवश्य सुनाएगी।
💥 वह स्वयं सहायता समूह की सभी किताबों को समूह की बैठक में ही सही- सही और पूर्ण रूप से लिखेगी।
💥 वह सामुदायिक समन्वयक(CC) के साथ मिलकर माइक्रो प्लान तैयार करने में समूह की मदद करेगी।
💥 वह समूह सदस्यों का हस्ताक्षर लेने के पहले उन्हें कार्यवाही पढ़कर सुनाएगी।
💥💥 सामुदायिक संगठन C.M प्रशिक्षु की पहचान की प्रक्रिया किस तरह से होती है निम्नलिखित हैं।
👉 प्रत्येक ग्राम संगठन में सामुदायिक स्तर पर अधिक श्रम बल उपलब्ध कराने हेतु 2 -3 प्रशिक्षु सी.एम की पहचान की जा सकती है ।
👉शुरुआती दौर में एक ग्राम संगठन/गांव पर एक C.M. कार्य करेगी आवश्यकतानुसार उनकी संख्या बढ़ भी सकती है सी.एम की क्षमता वृद्धि हेतु प्रथम 3 माह में कार्य के दौरान उन्हें आवासीय प्रशिक्षण भी प्रदान की जाएगी।
👉सर्वप्रथम उन्हें पहचानकर स्वयं सहायता समूह द्वारा ग्राम संगठन में उनके नाम और विवरण सहित प्रस्तावित किया जाएगा।
👉 उस ग्राम संगठन से संबंधित क्षेत्रीय समन्वयक(AC)/ सामुदायिक समन्वयक(CC) ग्राम संगठन की बैठक का संचालन इस प्रकार से करें कि ग्राम संगठन की सदस्य गण प्रस्तावित नामों का निरीक्षण/ छानबीन कर करे एक C.M प्रशिक्षु को नियुक्त करें।
।👉जहां ग्राम संगठन का निर्माण नहीं हो पाया है वहां उस गांव के सभी स्वयं सहायता समूह की एक साथ बैठक कराकर सी.एम की पहचान एवं नियुक्ति हेतु निर्णय लिया जा सकता है।
निर्णय की पूरी प्रक्रिया ग्राम संगठन की कार्यवाही पुस्तिका या स्वयं सहायता समूह की कार्यवाही पुस्तिका में लिखी होनी चाहिए।
💥 चयनित सी.एम का नाम उसका पूरा विवरण ,बायोडाटा फोटो यदि संभव हो तो शैक्षणिक योगिता की छायाप्रति के साथ क्षेत्रीय समन्वयक(AC)सामुदायिक समन्वयक (CC)द्वारा बी.पी.आई.यू के समक्ष रखा जाएगा ।
💥 प्रस्तावित सी.एम के दस्तावेजों एवं चयन की प्रक्रिया की जांचकर प्रखंड परियोजना प्रबंधक(B.P.M उसका अनुमोदन करेंगे।
💥 ग्राम संगठन सामुदायिक समन्वयक(CM) और क्षेत्रीय समन्वयक (AC)सी.एम प्रशिक्षु के कार्य समूह का समय पर बैठक स्वयं सहायता समूह के कार्यकुशलता में सुधार ,समूह के किताबों का सही-सही लेखा-जोखा एवं रिपोर्टिंग की निगरानी /देखरेख करेंगे।
👉👉 दोस्तों अगले पोस्ट में सी.एम अर्थात सामुदायिक संगठक को किस तरह से प्रशिक्षण दिया जाता है एवं सामुदायिक संगठन को कितना मानदेय दिया जाता है इस पर चर्चा करेंगे।
धन्यवाद।।