Jeevika CM (सामुदायिक संगठक ) के परिशिक्षण में AC/CC की भूमिका
BRLPS JEEVIKA CM,AC/CC kiभूमिका CM की बहाली में JEEVIKA CM विलेज इंटरशिप 45 दिन JEEVIKA CM
1. जिनका सिलेक्शन जीविका मे AC तथा CC पोस्ट के लिए होगा वह इस पोस्ट को जरूर पढ़ें क्योंकि सी.एम का प्रशिक्षण देने में सामुदायिक समन्वयक(AC) एवं क्षेत्रीय समन्वयक(CC) की अहम भूमिका होती है। यह सभी बातें जाना अतिआवश्यक है क्योंकि जब आपको विलेज इंटरशिप पर भेजा जाएगा तो आपको इस बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी इसलिए आप अभी से लॉकडाउन में समय मिलता है तो अभी पढ़कर तैयारी करें ले आगे आपको फायदा होगा।
दोस्तों इस पोस्ट में आज हम देखेंगे सी.एम अर्थात जीविका मित्र का प्रशिक्षण एवं सी.एम के मानदेय देने की प्रक्रिया CM की ट्रेनिंग में AC/CC की क्या भूमिका होती है।
* प्रशिक्षु सीएम के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्राम संगठन द्वारा सुनिश्चित तिथि से 3 माह के अंदर की जाएगी।
2. सी.एम (जीविका मित्र) का प्रशिक्षण कार्यक्रम मुख्यतः दो चरणों में संपन्न होगी
(क) प्रथम चरण:– प्रथम चरण में सी.एम को कार्य के दौरान प्रशिक्षण दिया जाएगा प्रथम 3 माह में सी.एम सामुदायिक समन्वयक (CC)या क्षेत्रीय समन्वयक (AC)के साथ जुड़कर कार्य करेंगे तथा कार्य की जिम्मेदारियों को सीखने की कोशिश करेंगे इस कार्यावधि के दौरान सी.सी. समय-समय पर सी.एम प्रशिक्षण को कार्य से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करता रहेगा।
(ख) दूसरे चरण:-दूसरे चरण में जिला प्रशिक्षण इकाई क्षेत्रीय समन्वयक के साथ मिलकर सी.एम प्रशिक्षु के लिए आवासीय प्रशिक्षण का आयोजन करेगा।इस प्रशिक्षण में सी.एम प्रशिक्षु को परियोजना स्वयं सहायता समूह किताबों का लेखा-जोखा एवं उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने संबंधी प्रशिक्षण प्रदान की जाएगी।
3.तीन माह की अवधि जिसमें सी.एम प्रशिक्षु के रूप में कार्य करेगा उस अवधि में उसे परियोजना के सी.एम पॉलिसी के अनुसार निर्धारित मानदेय की जाएगी ।
4.शुरुआती दौर में सीएम के कार्यों का मासिक आकलन संबंधी सामुदायिक समन्वयक और ग्राम संगठन मिलकर प्रत्येक माह ग्राम संगठन की बैठक के दौरान करेंगे। आगे चलकर या भूमिका ग्राम संगठन को स्वयं निभानी होगी।
5.यदि चयनित सीएम प्रशिक्षु के कार्य में अपेक्षित सुधार नहीं पाया जाता है तो प्रशिक्षु की अवधि दो-तीन माह बढ़ाई जा सकती है।
6.प्रशिक्षण अवधि बढ़ाने के उपरांत भी यदि सी.एम प्रशिक्षु के क्रियाकलापों में सुधार नहीं देखी जा रही हो तो उस सीएम का प्रशिक्षण कार्यकाल समाप्त कर किसी दूसरे सीएम प्रशिक्षु का चयन किया जाना चाहिए
।
7.किसी भी चयनित सी.एम का आवासीय प्रशिक्षण उसके पहचान की तिथि से तीन-चार माह के अंदर होना चाहिए। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी डी.पी.सी/डी.टी.सी की होगी।
8. सी.एम के प्रशिक्षण के दौरान सीखने की इच्छा एवं कार्य की गुणवत्ता को देखते हुए बी.पी .एम/ डी.पी.सी, डी.टी.सी, सी.एम प्रशिक्षु को सी.एम पद पर स्थापित करने का प्रस्ताव पारित करेंगे आगे चलकर या कार्य ग्राम संगठन द्वारा ही किया जाएगा।
9. सीएम के कार्यों का मूल्यांकन करने हेतु प्रपत्र संलग्न है। डी.पी.सी, सी.एम के मूल्यांकन प्रपत्र की एक छायाप्रति (बी.पी .एम/ डी.पी.सी, डी.टी.सी, द्वारा हस्ताक्षरित) राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई को भेजेगी।
10. एक बार सी.एम स्वीकृत किए जाने के उपरांत उनका मानदेय परियोजना के सीएम पॉलिसी के अनुसार देय होगा।
* सामुदायिक संगठक(CM)के मानदेय देने की प्रक्रिया:-
अस्थाई सी.एम को परियोजना की सी.एम पॉलिसी के अनुसार निर्धारित मानदेय बी.पी.आई.यू./ ग्राम संगठन द्वारा प्रदान किया जाएगा। यदि ग्राम संगठन का निर्माण हो चुका है तो सी.एम का मानदेय उस ग्राम संगठन द्वारा अकाउंट पेयी चेक से दिया जाएगा और यदि ग्राम संगठन का निर्माण नहीं हुआ हो तो सी.एम का मानदेय बी.पी.आई.यू द्वारा अकाउंट पेयी चेक से किया जाएगा।
* सी.एम को उसके पद पर कब स्थापित किया जा सकता है जब वह सफलता पूर्ण प्रशिक्षण अवधि के तीन सूचक को पूरा कर लेते हैं ।
1. सीएम प्रशिक्षु ने आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया हो ।
2. सीएम स्वयं सहायता समूह का सप्ताहिक बैठक कराने में सक्षम हो गया हो और उसमें स्वयं सहायता समूह के खाता- बही का लेखा-जोखा संभालने की क्षमता आ गई हो ।
3. जिसको स्वयं सहायता समूह के पंच सूत्रों स्वयं सहायता समूह की अवधारणा एवं स्वयं सहायता समूह की बैठक कराने की जानकारी और क्षमता हासिल हो गई हो।
💥सामुदायिक संगठक (सी.एम )के कार्यों का मूल्यांकन कौन करता है ।
शुरुआती दौर में सीएम के कार्यों का मूल्यांकन ग्राम संगठन और संबंधित CC( सामुदायिक समन्वयक ) संयुक्त रूप से करेंगे । आगे चलकर यह कारी ग्राम संगठन को प्रत्येक माह स्वयं करना होगा सामुदायिक समन्वयक CC हमेशा सी.एम को उसके कार्य में सहयोग प्रदान करता रहेगा ।