Indian History ब्रह्मसमाज आर्यसमाज प्रर्थाना समाज के संस्थापक

0
1691
Indian History
Indian History
Contents in this Page
1. Indian History ब्रह्मसमाज आर्यसमाज
1.1. 💥 आदि ब्रह्म समाज:- आदि ब्रह्म समाज के संस्थापक आचार्य केशव चंद्र सेन को माना जाता है इन्होंने 1866ई० ई० में कोलकाता में आदि ब्रह्म समाज की स्थापना की इसका मुख्य उद्देश्य स्त्रियों की मुक्ति, विद्या का प्रसार सस्ते साहित्य को बांटना मद्य निषेध दान देने पर अधिक बल था।

Indian History ब्रह्मसमाज आर्यसमाज

Indian History,रामकृष्ण मीशन आर्यसमाज के संस्थापक,Indian History,भारत का इतिहास, History of India in Hindi,Indian History ,vvi हिंदू धार्मिक संस्थाएँ Indian History


दोस्तों इस पोस्ट में आज हम हिंदू धर्म  सुधार आंदोलन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण संस्था की स्थापना तथा उसके संस्थापक के बारे में देखेंगे जो सभी प्रकार की प्रतियोगिता परीक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है इसलिए एक बार इस पोस्ट को ध्यानपूर्वक जरूर पढ़ें।।

💥 ब्रह्मसमाज:- ब्रह्म समाज के संस्थापक राजा राममोहन राय हैं इन्होंने 20 अगस्त 1828 ई० को कोलकाता में ब्रह्म समाज की स्थापना की। ब्रह्मसमाज के मुख्य उद्देश तत्कालीन हिंदू समाज में व्याप्त बुराइयों जैसे सतीप्रथा, बहुविवाह, वेश्यागमन जातिवाद अस्पृश्यता आदि समाप्त करना था। राजा राम मोहन राय एक महान समाज सुधारक थे इन्होंने सती प्रथा के अंत में अहम भूमिका निभाई राजा राममोहन राय के प्रयास से ही लॉर्ड विलियम बैटिंग ने सतीप्रथा का अंत 1829 ई० में किया। राजा राममोहन राय को भारतीय पुनर्जागरण का मसीहा माना जाता है। संवाद कौमुदी पत्रिका का संपादन राजा राममोहन राय ने किया था इन्होंने 1815 इसमें आत्मीय सभा की स्थापना की। वेदांत कॉलेज की स्थापना का श्रेय भी राजा राम मोहन राय को जाता है।

💥 आदि ब्रह्म समाज:- आदि ब्रह्म समाज के संस्थापक आचार्य केशव चंद्र सेन को माना जाता है इन्होंने 1866ई० ई० में कोलकाता में आदि ब्रह्म समाज की स्थापना की इसका मुख्य उद्देश्य स्त्रियों की मुक्ति, विद्या का प्रसार सस्ते साहित्य को बांटना मद्य निषेध दान देने पर अधिक बल था।

💥 प्रार्थना समाज:- प्रार्थना समाज की स्थापना आचार्य केशवचंद्र सेन की प्रेरणा से महादेव गोविंद रानाडे आत्माराम पांडुरंग तथा चंद्रावकर आदि1867ई० मुंबई में की थी। इसका मुख्य उद्देश्य जाति प्रथा का विरोध,स्त्री पुरुष विवाह की आयु में वृद्धि ,विधवा विवाह स्त्री शिक्षा को प्रोत्साहन देना था।

💥 आर्य समाज:- आर्य समाज की स्थापना 1875 ई० में स्वामी दयानंद सरस्वती ने मुंबई में की थी। इसका मुख्य उद्देश्य वैदिक धर्म को पुनः शुद्ध रूप से स्थापित करने का प्रयास ,भारत को धार्मिक सामाजिक व राजनीतिक रूप से एक सूत्र में बांधने का प्रयत्न पाश्चात्य प्रभाव को समाप्त करना था। स्वामी दयानंद सरस्वती एक महान समाज सुधारक थे उनके बचपन का नाम मूलशंकर था। इन्होंने अपने उपदेशों में मूर्ति पूजा, बहुदेववाद अवतारवाद पशु बलि श्राद्ध यंत्र ,तंत्र ,मंत्र झूठे कर्मकांड आदि की आलोचना की। स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेदों को ईश्वरीय ज्ञान मानते हुए पुनः वेदों की ओर चलो(Back to the Vedas) का नारा दिया। सामाजिक सुधार के क्षेत्र में छुआछूत एवं जन्म के आधार पर जाति प्रथा की आलोचना की इन्होंने शूद्रों एवं स्त्रियों को वेदों की शिक्षा ग्रहण करने के अधिकारों के समर्थन किए। स्वामी जी के द्वारा रचित सत्यार्थ प्रकाश में इनकी जानकारी मिलती है। स्वामी दयानंद सरस्वती ने सत्यार्थ प्रकाश की रचना संस्कृत में की थी राजनीति क्षेत्र में स्वामी जी का मानना था कि “बुरे से बुरा देसी राज्य अच्छे से अच्छे विदेशी राज्य से बेहतर होता है”

💥 रामकृष्ण मिशन:- स्थापना वर्ष (1896-97) सर्वप्रथम मठ की स्थापना कोलकाता के समीप बराह नगर में की गई। तत्पश्चात बेलूर( कोलकाता )में मिशन की स्थापना की गई।
रामकृष्ण मिशन के संस्थापक स्वामी विवेकानंद थे जिनका बचपन के नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। रामकृष्ण परमहंश की शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार का श्रेय उनके योग्य शिष्य विवेकानंद जी को मिला। 1893 में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में हुई धर्म सम्मेलन में भाग लेकर पाश्चात्य जगत को भारतीय संस्कृति एवं दर्शन से अवगत कराया।

इसका मुख्य उद्देश्य मानव समाज के हित के लिए रामकृष्ण परमहंश  देव ने जिन सब तत्वों की व्याख्या की है तथा कार्य रूप में उनके जीवन में जो तत्व प्रतिपादित हुए हैं उनका प्रचार तथा मनुष्य की शारीरिक मानसिक व परमार्थिक उन्नति के लिए जिस प्रकार सब तत्वों का प्रयोग हो सके उन विषयों में सहायता करना इस संघ का उद्देश्य था ।

अमेरिका जाने से पूर्व ‘महाराज खेतङी’ के सुझाव पर नरेंद्र नाथ ने स्वामी विवेकानंद नाम रख लिया। स्वामी जी ने ऐसे धर्म में अपनी आस्था को नकारा जो किसी विधवा के आंसू नहीं पोंछ सकता वह किसी अनाथ को रोटी नहीं दे सकता। स्वामी जी ने एक समाज सुधारक के रूप में यह माना कि ईश्वर तथा मुक्ति के अनेक रास्ते हैं और मानव की सेवा ईश्वर की सेवा है क्योंकि मानव ईश्वर का ही रूप है स्वामी जी ने कहा है कि हम मानवता को वहां ले जाना चाहते हैं जहां ना वेद हैं ना बाइबल हैं ना कुरान लेकिन यह काम वेद बाइबल और कुरान के समन्वय द्वारा किया जाता है मानवता को सीख देनी है कि सभी धर्म उस अद्वितीय धर्म की ही विभिन्न अभिव्यक्तियां है जो एकत्व है सभी को छूट है कि वे जो मार्ग अनुकूल लगे उसको चुन ले भारतीय धर्म के पतन के बारे में स्वामी जी ने कहा है कि हमारे धर्म रसोई घर में है हमारे भगवान खाना बनाने के बर्तन में हैं।

* थियोसोफिकल सोसायटी:- इसकी स्थापना अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में 1885 ई.में मैडम पेट्रोवना ब्लावात्सकी के द्वारा किया गया। तथा भारत में इसकी स्थापना 1886 ई. में मद्रास के अड्यार शहर में किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य धर्म को आधार बनाकर समाज सेवा करना, धार्मिक एवं भाईचारे की भावना को फैलाना, प्राचीन, धर्म, दर्शन एवं विज्ञान के अध्ययन में सहयोग करना आदि।
भारत में इस आंदोलन की गतिविधियों को व्यापक रूप से फैलाने का श्रेय मिसेज एनी बेसेंट को दिया जाता है। 1891 में एनी भारत आई भारतीय विचार व संस्कृति उनके रोम-रोम में बस गई। उन्होंने पहनावे, खान-पान, शिष्टाचार आदि से अपने को पूर्णता: भारतीय बना लिया। भारत के प्रति अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए ही इन्होंने 1898 में बनारस में सेंट्रल हिंदू कॉलेज की स्थापना की, जो आगे चलकर लगभग 1916 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय बन गया। आयरलैंड के होम रूल लीग की तरह बेसेंट ने भारत में होमरूल लीग की स्थापना की।

* यंग बंगाल आंदोलन:- इसकी स्थापना 1826 ईसवी में बंगाल में हेंनरी विवियन डेरोजियो द्वारा किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता, जमींदारों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों से रैय्यत की सुरक्षा, सरकारी नौकरियों में उच्च वेतनमान के अंतर्गत भारतीय लोगों को नौकरी दिलवाना आदि।
इसके संस्थापक एंग्लो इंडियन डेरोजियो ‘हिंदू कॉलेज’ के अध्यापक थे। यह बंगाल आंदोलन के समर्थक लोग पाश्चात्य सभ्यता से अधिक प्रभावित थे। तत्कालीन भारत के कट्टर हिंदुओं ने डेरोजियो के विचारों का विरोध किया। डेरोजियो ने ईस्ट इंडिया नामक दैनिक पत्र का भी संपादन किया।
हेंनरी विवियन डेरोजियो को आधुनिक भारत का प्रथम राष्ट्रवादी कवि माना जाता है।

इतिहास से 50 महत्वपूर्ण GK/GS,History 50 Important Gk/GS
भारतीय रेल से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न Indian Railway Important questions
अर्थशास्त्र से 40 महत्वपूर्ण प्रश्न बिहार पुलिस बिहार दरोगा के लिए
Indian History

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here