बिहार जीविका स्वयं सहायता समूह के पंचसूत्र
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एवं स्वयं सहायता समूह के पंच सूत्र के बारे में इसके अलावा स्वयं सहायता समूह के सदस्य को बैंक में खाता किस तरह से खुलवाया जाता है इसमें AC, CC एवं CM की क्या भूमिका है ?
अगर आपका सिलेक्शन एरिया कोऑर्डिनेटर या कम्युनिटी कोऑर्डिनेटर के लिए हुआ है तो आप लोगों को विलेज इंटरशिप पर जाना होगा इसलिए इससे पहले आप इन सभी पोस्टों को पढ़ ले क्योंकि वहां पर यह सब पढ़ाया जाएगा और वहां परीक्षा ली जाएगी इंटरव्यू होगा उसके पश्चात आपको Marks दिया जाएगा फिर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद जॉइनिंग लेटर दिया जाएगा ।
💥 स्वयं सहायता समूह बैठक के लिए मॉडल (आदर्श )कार्य सूची:-
Note:- आदर्श रूप से स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की मांग के अनुसार आपसी ऋण वितरण का काम जितना जल्दी हो शुरू कर देना चाहिए आवश्यकता पड़ने पर प्रथम बैठक से ही ऋण वितरण का काम शुरू किया जा सकता है।
बक्सा ,बैठक रजिस्टर और लेखा पुस्तिका जैसी समूह स्थापना सामग्री परियोजना द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। सामुदायिक समन्वयक/ सामुदायिक संगठक(CM) द्वारा सभी समूह सदस्यों की इस प्रकार से मदद करनी चाहिए कि वह पंच सूत्रों का पालन करें ।
VVI ,NOTE:- जिस समूह ने साप्ताहिक बचत के साथ सफलतापूर्वक 8 बैठक के पूरी कर ली हो तथा उपस्थिति एवं बचत कम से कम 90% हो केवल उन्हें समूह स्थापना सामग्री दिया जाएगा
💥 स्वयं सहायता समूह के पंचसूत्र:-
1. सप्ताहिक बैठक:- सभी समूहों को साप्ताहिक बैठक आयोजित करनी चाहिए।
2. साप्ताहिक बचत:- समूह की साप्ताहिक बैठकों में तमाम सदस्यों को अपनी साप्ताहिक बचत नियमित रूप से जमा करनी चाहिए । बैठक में सदस्यों की बचत की राशि इतनी होनी चाहिए जिसे प्रत्येक सदस्य नियमित रूप से बचत कर सके।
3. नियमित आपसी ऋण प्रदान करना:- प्रत्येक सप्ताहिक बैठक में सदस्यों की आवश्यकता अनुसार सामूहिक निर्णय कर ऋण की राशि देनी चाहिए।
4. नियमित ऋण वापसी:- ऋण लेने वाले सदस्य को स्वयं सहायता समूह की बैठक में सदस्यों द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार सूद मूल की वापसी करनी चाहिए ।
5. समूह की खाता बही नियमित रूप से लिखना:- समूह के सभी बही खातों को नियमित रूप से उसकी बैठक में ही लिखना चाहिए।
बैंक बचत खाता खुलवाने में सामुदायिक समन्वयक(CC)एवं क्षेत्रीय समन्वयक(AC) की भूमिका:- समूह के गठन के लगभग 8 से 10 दिन बैठक के बाद जब समूह अपने द्वारा बनाए गए नियमों का सही- सही पालन करने लगता है तथा सदस्यों में स्थायित्व आ जाती है तो सामुदायिक समन्वयक(CC) को नजदीकी राष्ट्रीय कृत बैंकों में खाता खोलने के बारे में समूह में चर्चा करनी चाहिए ।
ठीक इसके उपरांत सामुदायिक समन्वयक नजदीकी राष्ट्रीयकृत बैंकों से संपर्क साधने के लिए अपने क्षेत्रीय समन्वयक(AC) और प्रखंड परियोजना प्रबंधक (BPM) को बताकर बैंक जाकर परियोजना की विस्तृत जानकारी बैंक प्रबंधक को प्रदान करें। इस परियोजना की विशेषताओं पर आवश्यक प्रकाश डालें कि किस प्रकार यह परियोजना पूरी तरह से स्वयं सहायता समूहों के विकास के प्रति समर्पित है तथा इसके द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया है जैसे पंचसूत्र मीटिंग प्रोसेस एवं माइक्रोप्लान इसे अन्य परियोजनाओं से अलग अपनी एक पहचान देता है साथ ही साथ अपने कार्य क्षेत्र की प्रगति रिपोर्ट की एक छाया प्रति भी बैंक प्रबंधक को दें इस परिचर्चा के आधार पर क्षेत्रीय समन्वयक और प्रखंड परियोजना प्रबंधक बैंक प्रबंधक को समूह की बैठक में आने के लिए भी आग्रह करें एवं सामुदायिक समन्वयक द्वारा समूह का खाता खुलवाने हेतु विभिन्न कागजात की तैयारी कराएं
यहां ध्यान इस बात पर देनी चाहिए कि सामुदायिक समन्वयक (CC)को एक मार्गदर्शक के रूप में समूह को दिशा देनी चाहिए ना कि आगे बढ़कर उसके बदले काम पूरा करना चाहिए
विभिन्न बैंकों द्वारा खाता खोलने के लिए अलग-अलग कागजात की जरूरत पड़ सकती है हालांकि इसमें एकरूपता लाने के लिए एस.पी.एम.यू तथा डी.पी.सी.यू (डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेशन यूनिट) अर्थात जिला परियोजना समन्वयन इकाई द्वारा प्रयास किया जाएगा।
बैंक खाता खोलने के लिए आवश्यक कागजात:-
1. स्वयं सहायता समूह सदस्यों की सूची
2. समूह की नियमावली की प्रति
3. उस बैठक के कार्यवाही की प्रति जिसमें सदस्यों ने अपने प्रतिनिधि चुने हैं।
4. समूह की बैठक मैं बैंक खाता खोलने तथा इसके संचालन संबंधी पारित प्रस्ताव की प्रति
5. प्रत्येक चयनित प्रतिनिधि के तीन फोटो
6. वोटर पहचान पत्र या निवास प्रमाणपत्र की प्रमाणित छायाप्रति
7. बैंक प्रपत्र में परिचायक का हस्ताक्षर।( परिचायक उस बैंक का कोई खाता धारक या गांव का सरपंच या मुखिया सरकारी कार्यालय का प्रतिनिधि स्वयं सहायता समूह प्रोत्साहक संस्थाएं या उसके अधिकृत प्रतिनिधि हो सकते हैं।
8 . समूह का मोहर( जीविका परियोजना द्वारा प्रस्तावित)